हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इराक के प्रभावशाली धर्मगुरु और सद्र मूवमेंट के नेता सय्यद मुक़्तदा सद्र ने फिलिस्तीन में ज़ायोनी फौजों के हाथों फिलिस्तीनी जनता के जनसंहार और नस्लकुशी तथा जातीय सफाया पर कड़ा रोष जताते हुए कहा कि ज़ायोनी लॉबी की हरकतें बता रही हैं कि वह तमाम आसमानी धर्मों यानी ईसाई, मुस्लिम और यहूदी तीनों के दुश्मन हैं।
ज़ायोनी लॉबी हर उस इंसान की दुश्मन है जो जियोनिस्ट नहीं है। ज़ायोनी लॉबी खुद को यहूदी धर्म के प्रतिनिधि के रूप में पेश करती है और यहूदियत की छवि को धूमिल कर रही है।
मुक़्तदा ने कहा कि ज़ायोनी शासन फिलिस्तीन में जो कुछ कर रहा है वह सब अमेरिका के समर्थन से कर रहा है। मैं एक बार फिर बग़दाद से अमेरिका के राजदूत को निकालने और डिप्लोमेटिक तरीके से अमेरिका दूतावास को बंद करने की अपनी बात दोहरा रहा हूँ।
मुक्तदा अलसद्र ने इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग से जिम्मेदारी दिखाने और गाजा पर ज़ायोनी दुश्मन की आक्रामकता और हमलों को समाप्त करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया हैं।
उन्होंने कहा सशस्त्र कार्रवाई की तुलना में कूटनीतिक तरीकों का उपयोग करके अमेरिकियों से निपटना अधिक प्रभावी और उचित है ताकि उन्हें इराक और उसके लोगों की शांति को नष्ट करने का कोई बहाना न मिले।